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शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय, गोबरा नवापारा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन –

 

शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय, गोबरा नवापारा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सुचारू रूप से क्रियान्वयन को लेकर प्रशिक्षण दिया गया । इस कार्यशाला में प्रशिक्षक एवं मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. कविता शर्मा प्रोफेसर, शासकीय आर्ट एंड कॉमर्स कॉलेज देवेंद्र नगर रायपुर उपस्थित रहीं । डॉ. शर्मा ने एनईपी-2020 के लक्ष्य, सेमेस्टर प्रणाली, सेमेस्टर के दौरान लिए जाने वाले सतत आंतरिक मूल्यांकन, पाठ्यक्रम, क्रेडिट सिस्टम, मल्टीपल एंट्री-मल्टीपल एग्जिट, रिसर्च विथ आनर्स, विभिन्न संकायों के लिए जेनेरिक इलेक्टिव कोर्स, वैल्यू एडिशन कोर्स, स्किल इन्हेंसमेंट कोर्स, एनईपी-2020 से संबंधित शब्दावली एवं परिभाषाओं की विस्तार से जानकारी दी । 

बहु-विषयक प्रणाली पर आधारित यह नीति विद्यार्थियों को उनकी इच्छानुसार दूसरे संकाय के विषयों का अध्ययन करने की स्वतंत्रता देती है । समस्त पाठयक्रम क्रेडिट पर आधारित होने के साथ ही चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के अंतर्गत होंगे । एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट एक वर्चुअल स्टोर हाउस है, जिसमें विद्यार्थी द्वारा अर्जित क्रेडिट उसके अकाउंट में जमा होते जाएँगे । 03/04 वर्षीय स्नातक पाठयक्रम को विद्यार्थी अधिकतम 07 वर्षों में पूर्ण कर सकता है । पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान पद्धति के समावेश के साथ पाठयेत्तर गतिविधियों को भी समाहित किया गया है ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का भाव लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, विषय संबंधित ज्ञान के साथ कौशल विकास, मूल्यपरक तथा रोजगारोन्मुखी शिक्षा की ओर उन्मुख करती है । इस नीति में सतत मूल्यांकन का प्रावधान है, जिससे विद्यार्थियों के मानसिक उर्जा के साथ-साथ बौद्धिक क्षमता में भी वृद्धि होगी। सेमेस्टर आधारित पाठ्यक्रम होने के कारण विद्यार्थियों को परीक्षा का तनाव नहीं होगा । सतत आंतरिक मूल्यांकन में 30% अंक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा में 70% अंकों का प्रावधान रखा गया है । विद्यार्थी को उत्तीर्ण होने हेतु इन दोनों को मिलाकर (आंतरिक एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा) कुल 40% प्राप्त करना अनिवार्य होगा ।

डॉ. कविता शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का लाभ यह है कि विद्यार्थियों के मूल्यपरक, कौशल विकास, क्षमता संवर्धन के साथ-साथ जेनेरिक इलेक्टिव विषय के अध्ययन से स्वरोजगार के अवसर में वृद्धि होगी, साथ ही यह विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सोच, डिजिटल साक्षरता के साथ रोजगार क्षमता एवं शारीरिक विकास को बढ़ावा देते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है ।

महाविद्यालय के प्राध्यापकों एवं स्टाफ के सभी शंकाओं का डॉ. शर्मा ने समाधान करते हुए यह आश्वस्त किया कि वे दूरभाष पर संपर्क कर भी अपने प्रश्न पूछ सकते हैं । प्रशिक्षण में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य श्री एल. एम. यादव, सहायक प्राध्यापक डॉ. सुधीर कुमार अग्रहरि, डॉ. सरोज चक्रधर, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. बीटा रानी खलखो, श्री विक्रांत सिंग गावस्कर, श्री योगेश देवांगन, सुश्री खुशबू कश्यप, श्रीमती प्रियंका साहू, श्रीमती तुलेश्वरी साहू, डॉ. टिशा डे एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे ⃓